Thursday, 15 February 2018

मेरी कहानी,मेरी जुबानी

नहीं था कहानी का मेरी कोई अंत,
जो सन्नाटा ही फैल गया हर और|☹️

No comments:

Post a Comment

मेरे पापा

मेरा अभिमान-स्वाभिमान है पापा, मेरा जमीन-आसमान है पापा, मेरे जीवन का मेज़बान है पापा, जन्‍म दिया माँ ने पर पहचान है पापा, पैरों पर खड़ा ...