मेरी गुज़ारिश| पूछो मेरे दिल से जो आज भी तुम्हारे ही पास है जो सिर्फ़ तुम्हारे लिए खास है,
अगर तुम ना जाती मुझे बीच राह में छोड़ कर तो मैं नहीं फिरता यू दर बदर,
वक़्त का ये फेर जब बदलेगा तब देखना मेरा प्यार जरूर मचलेगा,
तुम बेवफा नहीं ये मैं जानता हूं रही होंगी मज़बूरीया ये भी मानता हूँ,
पर क्या ऐसे बेरुखी दिखाना ठीक होगा?मेरा तड़पना और तुम्हारा चुपके से आंसू बहाना ठीक होगा?
मेरी मानो वापस लौट आओ अपनी मज़बूरीया मुझे बताओ,
जो साथ दोगी तुम तो इनको भी झेल लूँगा थोड़ा दर्द और सह लूँगा,
हर घड़ी तुम्हारी फिक्र करूँगा अपनी दुआओं में तुम्हारा ही जिक्र करूँगा,
साथ जीने का सपना भी पूरा होगा नहीं तो हमारा जीवन अधूरा होगा,
अब छोड़ो ये नादानी यू ना सताओ खुदा का वास्ता है प्लीज़ वापस लौट आओ😢
Monday, 19 February 2018
मेरी गुज़ारिश :-{
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मेरे पापा
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